साइटिका का इलाज इससे होगा 100% आयुर्वेदिक इलाज

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बहुत सारे लोगो को साइटिका की समस्या होने लगी है।  इस लेख में हम आपको साइटिका का इलाज बताएँगे यदि आप ये उपचार करते है तो पहले दिन से ही आपको लाभ मिलना शुरू हो जाएगी।  ये पूरी तरह आयुर्वेदिक दवा है। इसलिए इस लेख को ध्यान पूर्वक पढ़े।  और बताये गए उपचार को सही ढंग से करे। 

साइटिका के लक्षण 

यहाँ साइटिका / गृध्रसी / रिंगण बाय  का लक्षण बताया गया है।  यदि आपके भी यह समस्या है तो आप भी इस उपचार को शुरू कर सकते है। 
  • एक पैर मे पंजे से लेकर कमर तक दर्द होना गृध्रसी या रिंगण बाय कहलाता है। प्राय: पैर के पंजे से लेकर कूल्हे तक दर्द होता है जो लगातार होता रहता है। मुख्य लक्षण यह है कि दर्द केवल एक पैर मे होता है। दर्द इतना अधिक होता है कि रोगी सो भी नहीं पाता।

साइटिका का इलाज इससे होगा 100% आयुर्वेदिक इलाज 

हारसिंगार - पारिजात के 10-15 कोमल पत्ते को कटे फटे न हों तोड़ लाएँ। पत्ते को धो कर मिक्‍सी मे या कैसे ही थोड़ा सा कूट ले या पीस ले। बहुत अधिक बारीक पीसने कि जरूरत नहीं है। लगभग 200-300 ग्राम पानी (2 कप) मे धीमी आंच पर उबालें। तेज आग पर मत पकाए... चाय की तरह पकाए। चाय कि तरह छान कर गरम गरम पानी (काढ़ा) पी ले।
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साइटिका की दवाई लेने का तरीका और सावधानी 

यदि आप इसको सही तरह से लेते है और सावधानी भी रखते है तो इससे पहली बार मे ही 10% फायदा होगा। प्रतिदिन 2 बार पिए...यदि आप ऑफिस जाते हैं तो दोगुना पानी उबाले। थर्मस मे भरकर ले जाएँ। इस हरसिंगार के पत्तों के काढ़े से 15 मिनट पहले और बाद तक ठंडा पानी न पीए...दही लस्सी और आचार न खाएं।

निष्कर्ष : यहाँ आपके लिए साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज और उससे सम्बंधित जानकारी शेयर की यदि इससे सम्बंधित कोई प्रश्न हो तो हमें कमेंट जरूर करे।  

चेतावनी : हमारी वेबसाइट पर प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। हम किसी भी व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य और फिटनेस लक्ष्यों के लिए किसी भी जानकारी को अपनाने से पहले किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करने की सलाह देते हैं।

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